कोरोना के नाम पर जमातियों के नाम से मजहबी नफरत कब तक ? इस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी देशहित में अवश्य विचार करें: खादिम अब्बास
इस समय सारा संसार कोरोना जैसी भयानक बीमारी से भयभीत है। इस भयानक बीमारी ने देश व दुुनियां के हजारों लोगों को निगल लिया है और लाखों लोग इस बीमारी की जद में आकर मौत और जिंदगी के झूले में झूल रहे हैं। सारी दुनियां में कोरोना से त्राहिमाम मचा हुआ है और इस भयानक बीमारी से बचने के लिए अभी तक कोई औषधि भी दुनियां के किसी हिस्से में तैयार नहीं हुई है। इस बीमारी से बचने के लिए एक तरीका जरूर ईजाद कर लिया गया है और वह है, सोशल डिस्टेन्सिंग अर्थात् शारीरिक दूरियां जिसका पालन सभी देशों के मनुष्य कर रहे हैं और कोरोना जैसी भयंकर बीमारी की तीव्र गति और रफ्तार को रोकरने में सफल हुए भी हुए हैं। इस भयंकर बीमारी से सबसे अधिक भयभीत दुनियां का दरोगा अमेरिका जैसी महाशक्ति सबसे ज्यादा त्रस्त है और वहां संक्रमति लोगों की संख्या 8 लाख से ऊपर पहॅुच चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुत विचार विमर्श करने के बाद कोरोना वायरस का ठीकरा अपने ही समकक्ष खड़ी महाशक्ति चीन के ऊपर फोड़ दिया है। और उसने कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार की श्रेणी में रखकर चीन को इसका जिम्मेदार भी ठहरा दिया है। अब बहुत से लोगों का मानना है कि कोरोना का वायरस चीन के वुहान प्रांत में तैयार किया गया है, जिसने दुनियां की मानव जाति को अपने आगोस में ले लिया है। कोरोना की मार अमेरिका के अलावा इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, ब्रिटेन व ईरान जैसे देश कुछ अधिक झेल रहे हैं, हालांकि चीन भी इसकी चपेट में है जहां अब तक मरने वालों की संख्या हजारों में तथा संक्रमति मरीजों की संख्या लाख पार कर चुकी है।
ऊपर का वृतांत लिखने का आशय है कि कोरोना वायरस रूपी भयंकर बीमारी से सिर्फ इंसान ही मर रहे हैं, हैवान या पशुपक्षी नहीं मर रहे हैं। इसलिए इसका नोटिस हर समझदार व्यक्ति को धर्म मजहब, जाति या विरादर या दलगत राजनीति से उठकर समझना चाहिए, ऐसा मत स्वयं खादिम अब्बास का अपना है। पता नहीं हमारे भारतवर्ष में इस मर्म को धर्म व मजहबी चश्मे से देखने की कुचेष्टा क्यों की जा रही है? और हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी, जो आये दिन भारतवासियों से मन की बात करते रहते हैं और कोरोना जैसी भयंकर बीमारी से सचेत करने के लिए कई बार राष्ट्र के नाम संदेश भी दे चुके हैं, आखिर कार भारत भूमि पर साम्प्रदायिकतावादी तत्व व धर्मान्धता फैलाने वाले मानवता के शत्रु एक साजिश के तहत सारे देश में नफरत व घृणा की खेती करते हुए धार्मिक नफरत के तौर पर निजामउद्दीन इलाके में स्थापित मरकज को अपनानिशाना बनाते हुए यह कुप्रचार कर रहे हैं, कि कोरोना को फैलाने वाले असली मुजरिम जमाती हैं, जिनके कारण देश में कोरोना ने अपने पैर पसारे है। इस कुप्रचार में तो अब इलेक्ट्राॅनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया भी एक साजिश के तहत् कूद पड़ा है, जिसको निष्पक्ष अखबार नवीस व खुले दिमाग के लोग उसे नफरत फैलाने वाला मोदी मीडिया के नाम से आये दिन विभूषित कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि यह प्रायोजित है। आखिर नफरत और घृणा फैलाने वा अखबार नवीस व खुले दिमाग के लोग प्रायोजित रूप से उसे नफरत फैलाने वाला मोदी मीडिया के नाम से आये दिन संबोधित कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि यह प्रायोजित है। आखिर नफरत और घृणा फैलाने वाले ओर वे सिर पैर की बातें लिखने और दिखाने वाले समाज व देश के दुश्मनों को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नसीहत क्यों नहीं करते, जिनके दुस्साहस के कारण नफरत और घृणा का बाजार दिन प्रतिदिन गरम होता जा रहा है, क्या ऐसी घृणित मानसिकता से देश व समाज का कोई भला होने वाला है? क्या ऐसे तत्वों की घिनौनी मानसिकतासे देश यानी के भारत भूमि से कोरोना जैसी भयानक बीमारी भाग जायेगी, यह ऐसा गम्भीर सवाल है, जिस पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही देश की 130, 135 व 137 करोड़ जनता की खातिर देश हित व समाज हित में जरूर विचार करना चाहिए- क्योकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक देश है जिसमें सबके हित सुरक्षित हैं। इसकी व्यवस्था संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने पहले से ही कर दी है और भारतीय संविधान की प्रस्तावना में लिख दिया है ‘इण्डिया दैट इज भारत’
खादिम अब्बास उन तमाम घृणा फैलाने वाले व सूक्ष्म मानसिकता के लोगों को भी आइना दिखाना चाहता है जो अपने निजी स्वार्थों की खातिर भारत की एकता, अखंडता के साथ गंगा, जमुनी साझा संस्कृति या विरासत के साथ प्रेम, सद्भाव व आपसी इंसानी भाईचारा को तोड़ने का षड्यंत्र करने में व्यस्त हैं और हर बात में वह कोरोना का ठीकरा जमातियों के ऊपर फोड़कर अपने भगवा एजेण्डा को बल प्रदान करते हैं। उन्हें कोरोना की वास्तविकता को समझने के लिए मुख्यतया आज तक चैनल की वह रिपोर्ट देखनी चाहिए जिसमें निजामउद्दीन के थानाध्यक्ष ने खुद जमातियों के जिम्मेंदार लोगों को अपने थाने में बुलाकर सम्वाद किया तथा उनकी वाजिव मांगों को सिर्फ सुना ही नहीं बल्कि उस बातचीत का वीडियो भी बनबाया और उसे वायरल भी कर दिया। जिसमें जमात के जिम्मेदारों ने समय से पूर्व सच्चाई से दिल्ली पुलिस के साथ दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल के प्रशासनिक अधिकारियों को भी सारी वास्तविकता से अवगत करा दिया था। इस सच्चाई का प्रसारण किसी और ने नहीं बल्कि आज तक चैनल ने करके समस्त साम्प्रदायिकतावादी तत्वों के मुॅह पर तमाचा मारने का काम किया था, जो जमातियों को बदनाम करके झूठ फैलाने और घृणा को बढ़ावा देने की खेती कर रहे थे। इसके बाद भी भगवाधारी नफरत और घृणा फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैंैं। और जमातियों को निशाने पर लेकर खुराफात फैलाने में व्यस्त हैं। अफवाह फैलाने एवं भगवा ऐजेण्डा लागू करने वालों की अच्छी खासी खबर एन.डी. टीवी चैनल के उद्घोषक रवीश कुमार जी अपने हसीन अंदाज में पेश कर रहे हैं। वह बाल की खाल निकालकर नफरत की खेती करने वालों को आये दिन आईना दिखाकर बेनकाव करते हैं। उसके बाद भी इनको कब शर्म आयेगी पता नहीं। भगवाधारियों को शर्म आये या न आये रवीश कुमार और उनके चैनल एन. डी. टीवी की मकबूलियत और सौहरत खूब बड़ रही है। सच का सोपान करने वाले जब तक रवीश को सुन या देख नहीं लेते तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता। ऐसा असर सत्य परोस कर रवीश कुमार का जनमानस पर पड़ रहा है। जब झूठ का सामना सत्य से होता है तब झूठ सत्य के मुकाबले कहीें नहीं ठहरता। यह भी एक सच्चाई है कि एन.डी. टीवी की टी. आर. पी. में बेतहासा वृद्धि हुई है, उसके अनाप-शनाप दर्शक बड़े है जिससे मोदी मीडिया की घड़कनें बड़ी है। हालत यह है कि दर्शक भी झूठ से अपना दामन छुड़ाने लगे हैं और सत्य को आत्मसात करके आत्म संतोष की मुद्रा में दिखाई देते हैं।
मजेदार और दिलचस्प बात यह भी है कि इस समय मोदी मीडिया के झूठ पर चारों ओर से हमले हो रहे हैं, इनकी टीआरपी भी जबरदस्त रूप से गिरी है और उसके दर्शक भी प्रभावित हुए हैं। मोदी मीडिया के झूठ का कचूमर नित्य दिन यूट्यूब पर भी दर्शक देख रहे हैं इसमें प्रमुख रूप से अभिसार शर्मा, प्रसून वाजपेयी, विनोद दुआ, दिवांग व आरिफा खानम शेरवानी जैसे तमाम प्रमुख नाम हैं, जिनको सुनने और देखने वाले एक नहीं केरोड़ों दर्शक हैं, जिनसे भगवाधारी व मोदी मीडिया काफी चिन्तित है। बची खुची कोर कसर सोशल मीडिया पूरी किये दे रहा है जिसने मोदी, मीडिया और उनकी भगवा मण्डली को हंसी का पात्र बना रखा है। भगवाधारी इस कला के माहिर हैं कि वह एक झूठ को सौ बार बोलकर सच कर लिया करते थे लेकिन आज उनकी स्थिति एसी बन गई है कि वह एक झूठ को करोडों बार बोलकर भी सत्य में परिवर्तित नहीं कर पाते। समाज बहुत सजग व जागरूक हो गया है। इसे अब भगवा मण्डली भी समझने लगी है। वैसे भी भारत में रहने वाले राम की मर्यादाओं, श्रीकृष्ण के आदमी जन्म से नहीं कर्म से महान होता है का उद्घोष महावीर स्वामी के इस संदेश के पक्षधर हैं कि जिओ और जीने दो तथा गौतम बुद्ध के पंचशील दर्शन व उपदेश बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय पर आधारित है। फिर भारत की पावन धरती पर इस प्रकार की वैमनस्यता क्यों ?
भगवा मण्डली ने कोरोना का रोना रोकर जमाती और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए तमाम जतन तथा नाना प्रकार के ओछे हथकण्डे अपना लिए हैं। अब उनका आसमान पर थूका स्वयं उनके मुॅह पर गिर रहा है। हमारे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीजी आये दिन इस बात के लिए अपनी पीठ ठौंकते हैं कि और देशों के मुकाबले हमारा देश कोरोना की कम गिरफ्त में है, यह अच्छी बात है, देश की जनता को मोदी जी का आभार व्यक्त करना चाहिए, लेकिन मोदीजी आपको इस चीज का ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना से बचाव के लिए जो उपकरण व साधन होना चाहिए उसका भारत में भयंकर रूप से अभाव है। इस बात का रोना कोई आम आदमी नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्यकर्मी, जिसमें नर्सें, डाक्टर आदि लोग भी शामिल हैं वह भी रो रहे हैं कि कोरोना जैसे घातक मरीजों के लिए अभी तक उनके पास ऐसे उपकरण और साधन नहीं हैं, जिनसे वह कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की अच्छी देखभाल कर सकें। इसे देश का दुर्भाग्य कहें या सौभाग्य कि हमारे देश के लोगों में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति का भण्डार है। जिसके कारण कोरोना भारत में और देशों की तरह पैर नहीं पसार पा रहा है। मोदी जी भारत की अधिकांश आबादी नाले-खोलों के किनारे कीडे-मकोडों़ की तरह मजबूरी में अपना जीवन बसर कर रही है। जिसके पास पीने के स्वच्छ पानी भी नहीं है। उसके भोजन की क्या बात की जाय? आकड़ों के अनुसार देश की आधी आबादी कुपोषण की शिकार है, उसे भरपेट भोजन भी नसीब नहीं है, वह नाना प्रकार की बीमारियों से पहले से ही ग्रस्त है, जिसकी रोकथाम की व्यवस्था मोदी जी आपकी सरकार ने भी नहीं की है। उसके उपरान्त भी यह भूखा नंगा तबका भुखमरी झेलने के बाद भी कोरोना जैसी भयंकर बीमारी से लड़ने के लिए दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है। मोदी जी एसी उपलब्धि किसी भी देश के नागरिक को हासिल नहीं है। यह नंगी हकीकत है जिससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता। मोदी जी आप अपनी पीठ ठौंके या मंत्रमुग्ध हों, खादिम जैसे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता हमें तो आपके सुर में सिर मिलाना है, इसके लिए आप चाहें ताली बजबायें या थाली, या दीप जलवायें आम जनता को क्या फर्क पड़ता है, वह तो यही गाना गुनगुनायेगी कि ‘तुम को है जो पसंद वहीं बात कहेंगे। तुम दिन को कहो रात तो हम रात कहेंगे।
मोदीजी आपकी भगवाधारी पलटन जमातियों को बदनाम करने का बेसुरा गाना बहुत गा चुकी है, अब तो उसे सुरीला गाना गाना चाहिए। यदि आप चाहें तो वह सुरीला गाना गा सकती है। भगवाधारियों को मोदी जी संकट की इस घड़ी में आप ही यह बता सकते हैं। कि अमेरिका में कोरोना से सबसे अधिक मौते हुई हैं तथा वहां लाखों कोरोना के मरीज हैं, यहां तो जमाती नहीं गये? फिर कोरोना से यह मौंते क्यों? सच्चाई तो यह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24-25 फरबरी को भारत की धरती पर अपने लाव लश्कर के साथ आये। वह गुजरात भी गये, लाखों भारत वासियों से सड़क के दोनों ओर कतार बद्ध खड़ा करके उनका स्वागत कराके नमस्ते ट्रंप भी कहलवाया गया। अब सबाल करने वाले तो यह सवाल करेगे ही। कि जब दुनियां में कोरोना जैसी भयंकर बीमारी ने दिसंम्बर 2019, जनवरी 2020 में दस्तक दे दी थी तब मोदी जी आपने भारत की धरती पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत सत्कार के कार्यक्रम को स्थगित क्यों नहीं किया। आज अमेरिका में जो कोरोना का कहर है वह किसी से छुपा नहीं है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को कोरोना दे गये या यहां से अमेरिका कोरोना ले गये यह शोध का विषय है? हांॅ यह सत्य है कि कम से कम जमाती तो अमेरिका में नहीं गये फिर अमेरिका में कोरोना का कहर क्यों? इस पर भारत की धरती पर साम्प्रदायिकता फैलाने वाले तत्वों को जरूर विचार करना चाहिए? कि जमाती तो फ्रांस जर्मन ब्रिटेन इटली व ईरान नहीं गये उसके बाद भी वहां कोरोना से मरने वालों की तादाद लाखों तक कैेसे पहुॅच और लाखों लोग कोरोना जैसी बीमारी से संक्रमित हैं।
जब भारत में कोरोना की बात चलती है, तब मोदी मीडिया की सुई जमातियों पर ही आकर क्यों रूक जाती है। मोदी मीडिया यह तो प्रचार करता है कि अमेरिका सहित फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली जैसे यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस से हजारों लोग मर गये और लाखों लोग इसकी चपेट में हैं। लेकिन मोदी मीडिया भूल चूक से इस बात का बखान नहीं करता आखिर यहां कोरोना के फैलाने का जिम्मेदार कौन है? यहाॅ मोदी मीडिया के होंठ क्यों सिल जाते हैं और उनकी बोलती क्यों बंद हो जाती है? ऐश्यिा में चीन और ईरान भी कोरोना से प्रभावित हैं यहाॅ भी हजारों लोग कोरोना वायरस का शिकार होकर काल के गाल में समा गये हैं। लेकिन इन देशों ने भी इस महामारी का दोष जमातियों के सिर पर नहीं मढ़ा। लेकिन जब भारत में कोरोना का जिक्र आता है तो मोदी मीडिया सारी इंसानियत की मर्यादाएं तोड़ते हुए मरकज और जमातियों को खलनायक बनाने में जुट जाता है। मोदी मीडिया का कमाल देखिये देश में प्रतिदिन हजारों-लाखों लोगों की विभिन्न बीमारियों से मौंतें हो रहीं हैं जो दवा व कुव्यवस्थाओं के मकड़जाल में फंसकर अपना दम तोड़ रहे हैं लेकिन मोदी मीडिया भूल-चूक से इन अभाव ग्र्रस्त लोगों की मौतों का उल्लेख नहीं करता। क्या यही पत्रकारिता है? जब कि पत्रकारिता को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कहा जाता है।
मोदीजी एक सत्य कहावत है कि ठंडा लोहा गर्म लोहे को काट देता है। लेकिन यह सत्य है कि विष को विष मार देता है । आखिर एक समुदाय और वर्ग विशेष के साथ इस प्रकार का विष वमन क्यों और किसलिए? मोदी जी आप सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नहीं बल्कि देश के लगभग 137 करोड़ देश वासियों के प्रधानमंत्री हैं आपकी नाक के नीचे यह विभाजनकारी व नफरत फैलाने वाले कुकृत्य हो रहे हैं, इसके बाद भी आपकी रहस्यमयी चुप्पी तमाम प्रश्नों का को जन्म दे देती है। भारत में प्रेम-सद्भाव बनाये रखने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी जी आपकी सबसे बड़ी है। क्योकि आप भारत के शासक हैं? मोदी जी यश और अपयश साथ-साथ चलते हैं, इसलिए देश में जो खुराफाती तत्व धर्म वर्ग या विशेष समुदाय को फिजूल में निशाना बनाकर भारतीय परम्पराओं और मर्यादाओं को अपनी ओछी हरकतों से नुकसान पहुॅचा रहे हैं, ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाना सरकार का काम है। इस ओझल प्रश्न का संज्ञान लेने का उत्तरदायित्व एक प्रधानमंत्री के नाते मोदी जी आपका है। आप अपनी इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
मोदीजी किसी शायर ने खूब कहा है कि हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम , और वो कत्ल भी कर दे ंतो चर्चा नहीं होता। मोदी जी आपने भारत वासियों से अपील की कि वह कोरोना से जूझ रहे लोगों की सेवा कर रहे लोगों के मान सम्मान व हौसला बढ़ाने के लिए अपनी बालकनी में खड़ा होकर ताली और थाली बजायें आपके समर्थकों ने ताली और थाली बजाई लेकिन जो लोग आपकी ताली ओर थाली से सहमत नहीं थे, उन्होने आपकी इस अपील को पाखण्ड बताया और जो लोग थाली और ताली बजाने से कोरोना भाग जायेगा ऐसे लोगों का खूब मजाक उड़ाया गया। मोदी जी हद तो तब हो गयी जब आपके अधीनस्थ प्रशासनिक अधिकारियों ने भौंड़ा प्रदर्शन करते हुए सार्वजनिक रूप से सड़कों पर उतर कर ताली और थाली के साथ मंजीरे तक बजा डाले और ऐसा करके उन्होने लाक डाउन और सोशल डिस्टेंन्सिंग की खुले आम धज्जियां उड़ाई। मोदी जी आपने दोबारा जनता से अपील की कि आप 5 अप्रैल को 9 बजे रात्रि को अपने घरों की बिजली बुझाकर 9 मिनट तक अपनी बालकनी में दिया जलायें, मोमबत्ती जलायें, टार्च जलायें या मोबाइल से रोशनी करें। आपके अनुयाईयों आपकी अपील पर ऐसा किया भी।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी यहां पर खादिम अब्बास एक सवाल कर रहा है आने वाले समय में जब देश के हालात सामान्य होंगे तब देश का हर समझदार जागरूक नागरिक खादिम की तरह मोदीजी आपसे यह सवाल जरूर करेगा कि आपने तो देशवासियों से दीप जलाने की बात कही थी, तब देश भर में बिना आपके आदेश व अपील के बिना विस्फोटक बारूद से भरे पटाके व अन्य आतिशबाजी एक ही समय में रात्रि के 9 बजे से लगभग एक घंटा तक किसके संदेश व आदेश से चलाकर लाक डाउन व अन्य प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाकर चलाई गयी। देश की जनता को यह जानने का हक भी है मोदी जी कि उसे बताया जाये कि विस्फोटक भरी आतिशबाजी चलाने वाले जमाती थे या हिन्दुत्व वादी? जिन्होंने अपनी खुराफाती शैली से सिर्फ वायुप्रदूषण नहीं फैलाया बल्कि उन्होने ध्वनि प्रदूषण फैलाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जग हसाई करा दी। क्योकि वायु प्रदूषण कोरोना वाइरस को बढ़ाने वाला उसका मित्र है।
प्रधानमंत्री मोदीजी की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अवैद्य रूप से विस्फोटक सामग्री रखने वालों एवं आतिशबाजी चलाकर वायुप्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालेां के विरूद्ध विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के आदेश पारित करें।
मोदी जी इससे एक वड़ा सवाल यह भी है कि देश भर में लाक डाउन कुछ घंटों के लिए जीवनोपयोगी चीजें खरीदने के लिए खोला जाता है, इस समय में आतिशबाजी जैसे विस्फोटक पदार्थों की विक्री करने की अनुमति किसने दी और किस किसने आतिशबाजी चलाई ऐसे लोगों को देशहित में चिन्हित करना परम आवश्यक है। मोदी जी एक यक्ष प्रश्न यह भी है कि पता नहीं या जानबूझकर आपके अनुयाई इस प्रकार की हरकतें करने पर क्यूॅ आमादा हो जाते हैं?
मोदी जी इस समय आप देश के प्रधानमंत्री हैं। आपके पास आंकड़े हैं कि देश की आधी से ज्यादा आबादी खुले आसमान के नीचे फुटपाथों गंदे नाले-खोलों और झुग्गी, झोपड़ियों में कीड़े मकोड़ों की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं। इनमें तमाम परिवार ऐसे भी होते हैं, जो भूखे उठते हैं और भूखा सो जाना उनकी मजबूरी बना हुआ है। इसमें अधिकाश लोगों का धरती विछौना और आकाश ओ़ड़ना चादर है। ऐसे उपेक्षित और अभागे लोग क्या जानें? कि दीप प्रज्ज्वलन किसे कहते हैं? मोदी जी जो लोग झोपड़े में रहते हैं, इनमें से बहुतेरे ऐसे हैं जिन्हें रोटी के साथ मिट्टी का तेल भी मयस्सर नहीं है, यह लोग अपने बाल बच्चों के साथ जीवन के दिन कैसे काट रहे हैं, इस पर पूरा उपन्यास लिखा जा सकता है। बात दीप जलाने की चल रही है और इस दी प्रज्ज्वलन का मकसद कोरोना से लड़ना है? कोरोना से वचाव की पहली शर्त है सोशल डिस्टन्सिग शारीरिक दूरिया? मोदी जी जरा झोपड़ों में जाकर देखिये एक परिवार के आठ दस प्राणी कैेसे एक दूसरे से सटकर व मुॅह से मुह मिलाकर सोकर तथा जागकर सारी रात गुजार देते हैं। शायद ऐसे अभागों की चिन्ता किसी को नहीं मोदी जी पता लगाइये कि आपने एक अलग से जो पी एम केयर फंड खोला है , जिसमें देश के दान दाताओं ने जिसमें धनाड्य लोगों से लेकर व्यापारी कारोबारी सरकारी कर्मचारी अधिकारी व जन प्रतिनिधियों से लेकर आम आदमी तक ने लाखों हजार करोड़ रूपया देश को इस विकट संकट से बचाने के लिए दिया है, क्या ऐसे भूख और प्यास से जूझ रहे अभागे लोगों के पास अन्न का एक दाना भी पहॅुचा है? यदि नही ंतो ऐसे उपेक्षित अभागे वर्ग के बाल वच्चों के भोजन व अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति होना चाहिए- तब तो पीएम केयर फंड का कोई मतलब है? अन्यथा तमाम सरकार की गरीबी दूर करने की योजनाओं जैसे इस फंड का भी वही हस्र होगा जैसे अब तक होता आया है?
मोदी जी यह सब बातें आपकों इंगित करते हुए इस लिए लिखीं जा रहीं है कि आप समय समय पर मन की बात करते है ,राष्ट्र के नाम संदेश भी देते हैं, आप इस नंगी हकीकत और सच्चाई को जाने । लगे हाथ आप यह भी जान सके ं कि जब आपने ताली थाली नहीं बजबायी थी तब कोरोना मरीजों की संख्या दहाई में थी लेकिन जैसे ही प्रधान मंत्री जी आपने देश में ताली और थाली बजवायी वैसे ही देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढकर सैकड़ों में पहुॅच गयी जैसी ही मोदी जी आपने देश की जनता से 5 अप्रैल की रात केो 9 बजे दीप जलवायें और आपके अति उत्साही अनुयायियों ने अवैद्य रूप से आतिशबाजी चलाकर वायुप्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण फैलाया उसका असर यह हुआ कि अपने भारत देश में कोरोना मरीजों की संख्या हजारों में पहुॅच गयी है। अभी देश वासियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हुआ है यदि ऐसा सम्भव हुआ तो देश किस श्रेणी में होगा उसको सोचकर भी भय लगाता है । ईश्वर से यही प्रार्थना है कि यह कोरोना वायरस से सारे आलम के इन्सानों को सुरक्षित रखे और मानव जाति का कल्याण हो इसकी जिम्मेदारी किसी एक की नही हम आप सबकी है।
अन्त में मोदी जी को खादिम अब्बास का एक अदना सा सुझाव जब कोई भी शासक व प्रशासक सच बोलना या सच को अनसुना करने लगता है, तब ऐसे शासक व प्रशासक के पतन के कपाट स्वयं खुल जाते हैं। अति व अहंकार ईश्वर को पसंद नहीं है। जब कोई व्यक्ति प्रकृति के साथ छेड छाड़ करने लगता हैया अहंकार से वशी भूत हो जाता है - तब कुदरत ऐसे अहंकारी का सर्वनाश सुनिश्चित कर देती है। इस लिए हम सबको ईश्वर के प्रकोप से बचना चाहिए और मानव सेवा में लगकर प्रेम सद्भाव की अलख जगानी चाहिए। इसी में ही सबका कल्याण है।
खादिम एक बात भली भांति जानता है कि सच की राह पर चलने वालों को तमाम जोखिम और कष्ट उठाने पड़ते हैं, इसके लिए उसे अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। इतिहास साक्षी है कि सत्य लिखने और बोलने वालों को जेल के सीखचों के पीछे जाने के साथ गोली भी खानी पड़ती है तथा फांसी का फंदा भी चूमने पड़ता है। जो क्रूर शासक होता है वह सच बोलने बालों का सिर हाथी के पैरों से भी कुचलवा देता है- लेकिन वह सब कुछ करने के बाद भी सच को परास्त नहीं कर पाता। पराजय तो अहंकारी व क्रूर शासकों की ही होती है। जब क्रूर शासकों की चर्चा होती है तो अनायस ही रावण,कंस, हिरण्याकश्यप के साथ हिटलर व मुसोलिनी व नादिरशाह के नाम अपने आप निकल पड़ते हैं शायरे इन्कलाब अनवर वेग चमन इटावी की इन पंक्तियों के साथ बात खत्म हुई।
भूख से बच्चे तड़पते हो जहां, बे दवा बीमार मरते हो जहाॅं, द्वेष के शोले भड़कते हो जहां, हाय कैसे हो गया ऐसा चलन, कैसे कह दूॅ ये हमारा है वतन।
कृष्ण आयेंगे न दूनियां में राम आयेंगे। न नवी लेकर खुदा का पयाम आयेंगे।।
ये मेरी बात समझ लेना दुनियां वालो। सिर्फ इंसा नही इंसान के काम आयेंगे।
खादिम अब्बास
188, कटरा सेवाकली इटावा
मोबाइल नं0 9259765036 msroor ali
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